रामायण एक ऐसा ग्रन्थ है जो सदियो से मानव का मार्ग दर्शन कर रहा है । उसका हर एक पात्र अपने आप मे एक शिक्षा देता है | आपन उन किरदार के बारें में कितना ज्ञान रखते है | आपको सभी किरदार के बारें में बताते है, अगर कोई किरदार का नाम यहां पर नहीं है कृपा करके हमें बताये, हम उनका नाम और जानकारी भी दाल देंगे.
Read More »Predication
दहलीज
। अम्मा खटिया पर लेटकर जब तब मधुकर बाबू को गरुड़ पुराण का वाचन करती कि लड़का पैदा न हो तो मुक्ति नहीं मिलती। लक्ष्मी छोटी बिटिया का नाम दुर्गा रखना चाहती थी पर अम्मा बोली का दुर्गा रखोगी? जैसा नाम वैसा ही गुण आ जाता है।
Read More »अमर विश्वास
. उस दिन सफर से लौट कर मैं घर आया तो पत्नी ने आ कर एक लिफाफा मुझे पकड़ा दिया. लिफाफा अनजाना था लेकिन प्रेषक का नाम देख कर मुझे एक आश्चर्यमिश्रित जिज्ञासा हुई.
Read More »मेरे बिन घर घर नही
आज मंदाकिनी घूमने जा रही है लेकिन यह क्या जैसे ही वह घर से बाहर निकली उसे तो बार-बार घर की ही याद आ रही थी वह शरीर से तो बाहर घूमने निकली थी लेकिन उसका मन घर के अंदर ही था।
Read More »कोरकू समुदाय
दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था। पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ था। ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी झेल रहा देश अत्याचार सहते हुए खून के आंसू रो रहा था
Read More »ये है सबसे ज्यादा प्लेटफॉर्म वाला रेलवे स्टेशन!
लेकिन देश का एक ऐसा स्टेशन है, जहां इतने प्लेटफॉर्म हैं कि पार करने में आपकी हालत खराब हो सकती है. कर्नाटक राज्य के हुबली रेलवे स्टेशन पर देश में सबसे ज्यादा प्लेटफॉर्म हैं,
Read More »मनमोहन कृष्ण हिंदी सिनेमा के स्वर्ण युग
उन्होंने करीब 250 फिल्मों में काम किया. उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में बैजू बावरा, अनारकली, नया दौर, साधना, धूल का फूल, बीस साल बाद, वक्त, काला पत्थर और दिल तेरा दीवाना शामिल हैं। 'धूल का फूल' का लोकप्रिय गाना
Read More »सम्मान
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Read More »गढ़वाल राइफल क्या है
अपनी मात्र भूमि के लिए वीर गति को प्राप्त हो गया और जिसने अकेले ३०० चीनी सैनिकों को मर गिराया| जी हाँ मित्रों ३०० सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था इस महावीर ने| इनका नाम है जसवंत सिंह रावत और यह एक उत्तराखंडी है|जसवंत सिंह के नाम पर एक गाँव का नाम जसवंतपुर भी है| इन्हें इनकी बहादुरी के लिए महावीर चक्र भी दिया गया
Read More »कहां राजा भोज- कहां गंगू तेली
बचपन से लेकर आज तक हजारों बार इस कहावत को सुना था कि "कहां राजा भोज- कहां गंगू तेली"। आमतौर पर यह ही पढ़ाया और बताया जाता था कि इस कहावत का अर्थ अमीर और गरीब के बीच तुलना करने के लिए है
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