एक कसाई था सदना। वह बहुत ईमानदार था, वो भगवान के नाम कीर्तन में मस्त रहता था। यहां तक की मांस को काटते-बेचते हुए भी वह भगवद्नाम गुनगुनाता रहता था।
Read More »Story for Children]
आज का भगवद् चिंतन
हनुमान जी का जीवन हमें शिक्षा देता है कि सेवा ही वो मार्ग है जिससे जगत तो क्या जगदीश को भी जीता जा सकता है। प्रभाव से नहीं स्वभाव से ही किसी.
Read More »किसी की निन्दा मत करो
समय बीता जा रहा है, गया हुआ समय किसी प्रकार भी लौटकर नहीं आता । ऐसा जानकर समय को अमूल्य काम में ही बिताना चाहिये । ऊँचे-से-ऊँचे काम में ही...
Read More »कलाओं से युक्त सप्तर्षिगण
प्रभु श्रीराम को पुरुषों में सबसे उत्तम मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। वे एक आदर्श व्यक्तित्व लिए हुए थे। एक धनुष और एक वचन धारण करने वाले..
Read More »गोस्वामी तुलसीदास
‘चले मग जात सूखि गए गात’–(गोस्वामी तुलसीदास)उनका शरीर सूख गया अमर होने के कारण मर सकते नहीं। अतः रावण को गाली देते हुए और कष्ट के कारण अपनी अमरता को कोसते हुए अभी भी जा रहे हैं। इधर हनुमान जी ने आकर प्रभु के चरणों में शीश झुकाया।श्रीराम बोले–’क्या हुआ हनुमान ?’‘प्रभु ! उन्हें ऊपर भेजकर आ रहा हूँ।’राघव–’पर वे …
Read More »एक सकारात्मक दृष्टिकोण
एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया. राजा भोज की दृष्टि उस पर पड़ी तो उसे देखते ही अचानक उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि इस व्यापारी की सारी संपत्ति छीनकर राजकोष में जमा कर दी जाए.व्यापारी जब तक वहां रहा भोज का मन रह रहकर उसकी संपत्ति को हड़प …
Read More »रामायण का पाठ
रामचरितमानस का पाठ और उसके अनुसरण से उपयोगकर्ता के घर में सकारात्मक शक्तियों को उत्तेजित किया जा सकता है। यह घर को शांति, समृद्धि, और......
Read More »भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया था
पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण का अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया था. उस समय सभी देवताओं ने अलग-अलग रूप में भगवान राम......
Read More »शब्द का संबोधन
सागर द्वारा श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का संबोधनपिछले अंक में सागर ने श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का दो बार...
Read More »मेरे प्राण शिव बिन अधूरे है
स गहरे कविता में, हर अंश जीवन का, शिव के अभाव में अधूरा महसूस होता है। आत्मीयता की गहराई में डूबकर, आत्म-साक्षात्कार में पूर्णता की.........
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