रामू एक बहुत ईमानदार और मेहनती युवक था। वह बहुत हंसमुख और मधुर स्वाभाव का व्यक्ति था। एक दिन रामू एक किराने की दुकान पर गया।वहां सिक्का डालने वाला सार्वजनिक फ़ोन लगा था। रामू ने सिक्का डाला और एक नम्बर डायल किया।ट्रिंग-ट्रिंग..ट्रिंग-ट्रिंग…. किसी ने फ़ोन उठाया।रामू बोला, “ हेलो सर… नमस्ते, मैंने सुना था कि आपको एक ड्राईवर की आवश्यकता …
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एक प्राथमिक स्कूल मे अंजलि नाम की एक शिक्षिका
एक प्राथमिक स्कूल मे अंजलि नाम की एक शिक्षिका थीं वह कक्षा 5 की क्लास टीचर थी, उसकी एक आदत थी कि वह कक्षा मे आते ही हमेशा “LOVE YOU ALL” बोला करतीं थी।मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं बोल रही ।वह कक्षा के सभी बच्चों से एक जैसा प्यार नहीं करती थीं।कक्षा में एक ऐसा बच्चा था …
Read More »धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का
एक बार कक्षा दस की हिंदी शिक्षिका अपने छात्र को मुहावरे सिखा रही थी। तभी कक्षा एक मुहावरे पर आ पहुँची “धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का ”, इसका अर्थ किसी भी छात्र को समझ नहीं आ रहा था। इसीलिए अपने छात्र को और अच्छी तरह से समझाने के लिए शिक्षिका ने अपने छात्र को एक कहानी …
Read More »प्रेम पवित्र है पूजनीय है इसे कलंकित मत करो .
गली मोहल्ले चौराहे पर बैठकर दोस्तो के बीच मदस्मत होकर अपनी अय्याशी की वीरगाथा सुनाते महानुभावों से अनुरोध है कि इसे पढ़ें..❤️🙏 कभी कभी एक से अधिक स्त्री के साथ प्रेम का स्वांग रचने वाला पुरूष खुद को बड़ा चालाक और सक्षम समझता है उसे ऐसा लगता है जैसे एक से अधिक स्त्रियों के साथ प्रेम प्रसंग करके उसने बहुत …
Read More »सन्यासी की प्रतीक्षा
एक वृद्ध सन्यासी ओंकारेश्वर क्षेत्र में एक गुफा के भीतर तपस्यारत था। शरीर की अवस्था अब ऐसी न थी कि वह यात्राएं कर सकें। सन्यासी का प्रभाव ऐसा था कि जो जंगली पशु सदा हिंसक रहते, वे गुफा के समीप आते ही शांत हो जाते। सन्यासी का सारा समय ध्यान में गुजरता, उसे प्रतीक्षा थी किसी के आगमन की। उसे …
Read More »धर्म और राजनीति दोनों को अलग अलग
जब बाबा साहेब हिन्दू_कोड_बिल तैयार रहे थे तब बनारस के सबसे बड़े धर्मगुरु करपात्री महाराज ने बाबा साहेब को बहस करने की चुनौती दे डाली। उस महाराज ने कहा डॉ अम्बेडकर एक अछूत है, वे क्या जानते हैं हमारे धर्म के बारे मे, हमारे ग्रन्थ और शास्त्रों के बारे में, उन्हें कहाँ संस्कृत और संस्कृति का ज्ञान है? यदि उन्होंने …
Read More »जो प्राप्त है पर्याप्त है
उड़ीसा में बैंगन बेचनेवाले की एक बालिका थी | दुनिया की दृष्टि से उसमें कोई अच्छाई नहीं थी | न धन था, न रूप | किन्तु दुनिया की दृष्टिसे नगण्य उस बालिका को संत जयदेव गोस्वामी जी का पद गीत गोविंदम बहुत ही भाता था | वह दिन-रात उसको गुनगुनाती रहती थी और भगवान के प्रेम में डूबती-उतराती रहती थी …
Read More »बसना हो तो ‘ह्रदय’ में बसो
एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद, श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया। दूध ज्यदा गरम होने के कारण श्री कृष्ण के हृदय में लगा और उनके श्रीमुख से निकला- ” हे राधे ! “ सुनते ही रुक्मणी बोली- प्रभु ! ऐसा क्या है राधा जी में, जो आपकी हर साँस पर उनका ही नाम होता है ? मैं …
Read More »भला आदमी
एक बार एक धनी पुरुष ने एक मंदिर बनवाया | मंदिर में भगवान की पूजा करने के लिए एक पुजारी | मंदिर के खर्च के लिए बहुत सी भूमि, खेत और बगीचे मंदिर के नाम लगाएं | उन्होंने ऐसा प्रबंध किया था कि जो मंदिरों में भूखे, दीन दुखी या साधु-संतों आवे, वे वहां दो-चार दिन ठहर सके और उनको …
Read More »कुंती का त्याग
पाण्डव अपनी मां कुंती के साथ इधर से उधर भ्रमण कर रहे थे| वे ब्राह्मणों का वेश धारण किए हुए थे| भिक्षा मांगकर खाते थे और रात में वृक्ष के नीचे सो जाया करते थे| भाग्य और समय की यह कैसी अद्भुत लीला है| जो पांडव हस्तिनापुर राज्य के भागीदार हैं और जो सारे जगत को अपनी मुट्ठी में करने …
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