एक किसान ने एक नेवला पाल रखा था | नेवला बहुत चतुर और स्वामीभगत था | एक दिन किसान कहीं गया था | किसान की स्त्री ने अपने छोटे बच्चे को दूध पिला कर सुला दिया और नेवले को वहीं छोड़ कर वह गड़ा और रस्सी लेकर कुएं पर पानी भरने चली गई |किसान की स्त्री के चले जाने पर …
Read More »wish4me
सबक
“अच्छा मम्मा, आप अपना बहुत ध्यान रखना. आपके यहां अकेले रहने से आपकी फिक्र लगी रहती है।”“अरे बेटा, मेरी चिंता मत किया कर। मैं यहां अपने घर में बहुत खुश हूं। यहां मेरी सहेलियां है, मेरा बगीचा है, टफ़ी है। जा जा… तू निश्चिंत जा।”“आप भी न मम्मा, बहुत जिद करती हो। खैर… चलती हूं। ओके मम्मा…बाय…!”तीन महीनों से वर्क …
Read More »कुंडली
क्या करें बेटा कुछ समझ नहीं आ रहा ?”विनोद की माँ ने सामने बैठे अपने बेटे से बड़े चिंतित स्वर में पूछा ।फिर कुछ हल ना निकल पाने की स्थिति में बेटे से ही बोलीं ,“अब तू ही बता कोई रास्ता ।तूने ही इतनी जल्दीबाज़ी की शादी करने के लिए ।”“ मुझे क्या पता था ,नेहा के माँ बाप फूटी …
Read More »करनी और सब्र
हीरा लाल जी अस्पताल के कमरे में लेटे लेटे अपनी बीती उम्र के बारे में सोच रहे थे।सारी उम्र परिवार माता पिता और भाई बहनों के प्रति कर्तव्य निभाने में ही गुजर गई।अपने बच्चों की अधिक परवाह नहीं कर पाए।पत्नी शिकायत करती भी तो यह कहकर चुप करा देते ।“अरे भागवान! अभी उनको मेरी जरूरत हैं कल वे मेरी सहायता …
Read More »मनोज कुमार फिल्म ‘शोर’
ये किस्सा उन दिनों का है जब 70 के दशक में अभिनेता मनोज कुमार फिल्म ‘शोर’ बनाने जा रहे थे इस फिल्म की कहानी के हिसाब से इसमें दो नायिकाओं की जरूरत थीएक रोल मनोज कुमार की पत्नी का था और दूसरा रोल उनकी प्रेमिका और सहायक अभिनेत्री का था…… सहायक अभिनेत्री का रोल काफी पावरपुल था इस रोल के …
Read More »जोल्दी से शादी कोर डालो
मेरी आज दूसरी मुलाकात थी … अनिता से !इंगेजमेंट होने में कुछ ही दिन बाक़ी थे सो इंफॉर्मली मिलने की इच्छा हो रही थी , पहली मुलाक़ात तो सब के सामने हुई थी .. चाय पोहे पर !आ गए चाइनीज़ रेस्ट्रॉ में ! जी भर कर देखा पाँच मिनट तक फिर जो हाथ में लिया हाथ , लगा हुआ जन्मों …
Read More »छोटी छोटी बातों में खुशियों की तलाश
छोटी छोटी बातों में खुशियों की तलाश करना इतना भी मुश्किल नहीचल यार एक हफ्तें की छुट्टी ले कर बाहर घूमने चलते है. मैं तो परेशान हो गया हूँ घर गृहस्थी से.इससे अच्छा तो शादी ही नही करता.” रजत ऑफिस के लंच टाइम पर सुनील से बोला.“क्यों ऐसा क्या हो गया ?”“क्या बताऊं. किसी न किसी बात पर निधि से …
Read More »मेरी पसंदीद फिल्म
तो आज आपको एक ऐसी भूली हुई फ़िल्म के बारे में बताती हूँ जिसका गाना हमने रेडियो पर फ़रमाईश करवाया था अपनी अंजू मौसी जी के लिए और बजा भी था।हमने फ़रमाईश भेजी थी पीले पोस्ट कार्ड पर चंडीगढ़ से और उन्होंने सुना था इसे मुरादाबाद में।इस फ़िल्म के गाने सुपरहिट, फ़िल्म सुपर डुपर हिट थी और हीरोईन ने दो …
Read More »गुप्तचर रविन्द्र कौशिक (ब्लैक टाईगर)
11 अप्रैल 1952 – नवंबर 2001रिसर्च एंड एनेलिसिस विंग (RAW)गुप्तचर रविन्द्र कौशिक का जन्म 11 अप्रैल 1952 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में एक कौशिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। रविन्द्र प्रसिद्ध नाट्य कलाकार थे और अपनी योग्यता को राष्ट्रीय स्तर नाटक सभा, लखनऊ में प्रदर्शित कर चुके थे। उनके उस नाटक को भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के कुछ अधिकारियों …
Read More »ईश्वर या धन? आप क्या चाहते हैं?
एक बार एक नगर के राजा के यहाँ पुत्र पैदा हुआ। इस खुशी में राजा ने पूरे नगर में घोषणा करवा दी कि कल पूरी जनता के लिए राजदरबार खोल दिया जायेगा। जो व्यक्ति सुबह आकर सबसे पहले जिस चीज़ को हाथ लगाएगा वो उसी की हो जाएगी।पूरे राज्य में ख़ुशी का माहौल छा गया। सारे लोग ख़ुशी से फूले …
Read More »