सागर द्वारा श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का संबोधनपिछले अंक में सागर ने श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का दो बार...
Read More »Gyan Ganga
मृत्यु के क्षण में लोग तड़फते क्यों हैं
तुमने किसी पक्षी को मरते देखा ? ऐसे सरल, ऐसे सहज, चुपचाप विदा हो जाता है! पंख भी नहीं फड़फड़ाता। शोरगुल भी नहीं मचाता। पक्षी तो इतने चुपचाप....
Read More »श्री राम ने कितने राक्षसों का वध किया था
तारक, सुबाहु ,मारीच, विराधा, खार, दुशासन, ट्रिशीरा, कबंध, कुंभकरण, मकरक्षखर और दुशासन के साथ उसके युद्ध के दौरान 14 हजार राक्षस..............
Read More »मोर पंख
ज्योतिष शास्त्र में मोर के पंखों का विशेष महत्व बताया गया है। यदि ज्योतिष शास्त्र में बताई गई विधि से मोर पंख को स्थापित किया जाए तो घर के...
Read More »मेरे प्राण शिव बिन अधूरे है
स गहरे कविता में, हर अंश जीवन का, शिव के अभाव में अधूरा महसूस होता है। आत्मीयता की गहराई में डूबकर, आत्म-साक्षात्कार में पूर्णता की.........
Read More »बेल वृक्ष का महत्व क्या
एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिर गई और उससे बेल का पेड़ निकल आया। माता पार्वती के पसीने से बेल के पेड़ का उद्भव हुआ।
Read More »सीता के स्वयंवर के रहस्य का खुलासा
क्या आप जानते हैं कि राजा जनक ने सीता के स्वयंवर के लिए अयोध्या में निमंत्रण क्यों नहीं भेजा?जो कुछ संतो के मुँह से सुना है, वह आपको बता....
Read More »पूज्य श्री गोस्वामी तुलसीदास
1966 में हनुमान गढ़ी में लिखी गईं श्री हनुमान चालीसा जो की शुद्ध रूप से वैसी ही है जैसी पूज्य गुरुदेव ने संपादित की है… पूज्य गुरुदेव की ये..
Read More »जगन्नाथ मन्दिर
उड़ीसा में बैंगन बेचनेवाले की एक बालिका थी | दुनिया की दृष्टि से उसमें कोई अच्छाई नहीं थी | न धन था, न रूप |किन्तु दुनिया की दृष्टिसे नगण्य...
Read More »हमारे त्यौहारो की वैज्ञानिकता को समझें
एक बूढ़ी माता मंदिर के सामने भीख माँगती थी। एक संत ने पूछा -- आपका बेटा लायक है, फिर यहाँ क्यों ??बूढ़ी माता बोली - बाबा, मेरे पति का......
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