बहुत समय पहले की बात है, सुदूर दक्षिण में किसी प्रतापी राजा का राज्य था . राजा के तीन पुत्र थे, एक दिन राजा के मन में आया कि पुत्रों को को कुछ ऐसी शिक्षा दी जाये कि समय आने पर वो राज-काज सम्भाल सकें. इसी विचार के साथ राजा ने सभी पुत्रों को दरबार में बुलाया और बोला, “ पुत्रों, हमारे राज्य …
Read More »Yearly Archives: 2018
सहिष्णुता से होता है ह्दय परिवर्तन
दशकों पहले स्वामी दयानद गंगा नदी के किनारे रहते थे। वहां वह चिंतन करते थे। वहां अन्य साधु रहते थे। वह उनकी इस साधना से ईर्ष्या करते थे। उन्हें लगता था कि दयानंद उनके प्रभाव को कम न कर दें। इस बात से नाराज होकर सभी साधुओं ने दयानंद जी को भला-बुरा कहा। लेकिन उन्होंने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। …
Read More »ऐसी बातों में समय न गवाएं
भगवान बुद्ध समय की महत्ता को बेहद अच्छी तरह से जानते थे। वह अपना हर क्षण कभी भी व्यर्थ नहीं जाने देते थे। एक बार उनके पास एक व्यक्ति आया और बोला, तथागत आप हर बार विमुक्ति की बात करते हैं। आखिर यह दुःख होता किसे है? और दुःख को कैसे दूर किया जा सकता है? प्रश्नकर्ता का प्रश्न निरर्थक …
Read More »अरे, आज सूरज पश्चिम से निकल आया है क्या?
एकबार एक नव दंपत्ति नए घर में रहने पहुंचा। उनके घर की मुख्य खिड़की में शीशे लगे हुए थे, जिससे दूसरे घर की छत दिखाई देती थी। अगली सुबह पत्नी ने पति से कहा, देखो, सामने वाली छत पर कितने मैले कपड़े फैलाए हुए हैं। लगता है उन्हें कपड़े साफ करना भी नहीं आता। …
Read More »सभी के लिए होते हैं नियम
बात उन दिनों की है जब साबरमती के आश्रम में गांधीजी रहते थे। वह हर काम समय से करते थे। आश्रम में रहने वाले व्यक्ति को समय की महत्ता का विशेष पाठ गांधीजी दिया करते थे। वहां दोपहर और रात के भोजन के लिए दो घंटी बजाईं जाती थीं। उसी दौरान आकर भोजन करना अनिवार्य था। जो लोग दूसरी …
Read More »नैतिक शिक्षा देती
शहर की तंग गलियों के बीच एक पुरानी ताले की दूकान थी। लोग वहां से ताला-चाबी खरीदते और कभी-कभी चाबी खोने पर डुप्लीकेट चाबी बनवाने भी आते। ताले वाले की दुकान में एक भारी-भरकम हथौड़ा भी था जो कभी-कभार ताले तोड़ने के काम आता था। हथौड़ा अक्सर सोचा करता कि आखिर इन छोटी-छोटी चाबियों में कौन सी खूबी है …
Read More »रघु और मैं
दीवाली की रात थी। सारे मुहल्ले में रंग-बिरंगी बत्तियां झिलमिल-झिलमिल कर रही थीं। मैं अपनी छत पर खड़ा देख रहा था। वह दृश्य मेरे मन को मुग्ध कर रहा था। सामने वाला घर तेल के दीयों और मोमबत्तियों के प्रकाश से जगमगा रहा था। उसके छज्जे पर खड़ा लड़का एक के …
Read More »*नारी गहने क्यों पहनती हैं…….?*
*रामायण के अनुसार* भगवान राम ने धनुष तोड दिया था, सीताजी को सात फेरे लेने के लिए सजाया जा रहा था तो वह अपनी मां से प्रश्न पूछ बैठी, *‘‘माताश्री इतना श्रृंगार क्यों?’’* ‘‘बेटी विवाह के समय वधू का 16 श्रृंगार करना आवश्यक है, क्योंकि श्रृंगार वर या वधू के लिए नहीं किया जाता, यह तो आर्यवर्त की संस्कृति का …
Read More »मुनिवर तरूण सागर जी
दर्शन शारीरिक अंतिम यात्रा… मुनिवर तरूण सागर जी की। इनकी छवि तो हृदय मे जीवन भर बनी रहेगी। जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज अखिल ब्रह्मांड में विलीन। मंजिल सोचने से नहीं चलने से मिलती है: तरुण सागर जी महाराज। महाराज जी जीवन भर कड़वा बोलकर लोगों के जीवन में अमृत घोलते रहे। ऐसा जीवन जी लेना बड़े बड़े महापुरुषों …
Read More »कृपा का अनुभव
कृपा का अनुभव एक बार गायों को चराते हुए भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी को भूख लगीं तो उन्होंने अपने सखाओं से कहा -हे मित्र ! यहाँ पास ही में कुछ ब्राह्मण यज्ञ कर रहे हैं तुम उनसे हम सबके लिए कुछ भोजन माँग लाओ। ग्वाल-बाल गए और बड़े विनम्र भाव से प्रार्थना कर भोजन सामग्री माँगी परंतु ब्राह्मण …
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