फिजूल जुमले एक सहेली ने दूसरी सहेली से पूछा:- बच्चा पैदा होने की खुशी में तुम्हारे पति ने तुम्हें क्या तोहफा दिया ? सहेली ने कहा – कुछ भी नहीं! उसने सवाल करते हुए पूछा कि क्या ये अच्छी बात है ? क्या उस की नज़र में तुम्हारी कोई कीमत नहीं ? लफ्ज़ों का ये ज़हरीला बम गिरा कर वह …
Read More »Yearly Archives: 2018
चाय की अंतिम प्याली
ऐसा नही है कि पहली बार पत्नी”स्वाति”के बिना अकेले सो रहा था कई बार ऑफिस के काम से बाहर जाता था पर आज पहली बार ,अपने शयनकक्ष मे अकेले सो रहा था रात के 2 बज गए थे पर गौरव की आँखों मे नींद का पता ही …
Read More »बेहतरीन समय
बेहतरीन समय एक दिन अचानक मेरी पत्नी मुझसे बोली – “सुनो, अगर मैं तुम्हे किसी और औरत के साथ डिनर और फ़िल्म के लिए बाहर जाने को कहूँ तो तुम क्या कहोगे”। मैं बोला – “मैं कहूँगा कि अब तुम मुझे प्यार नहीं करती”। उसने कहा – “मैं तुमसे प्यार करती हूँ, लेकिन मुझे पता है कि यह औरत …
Read More »पिता और व्यापारी
पिता और व्यापारी कस्बा देहात के बाजार में जगत की पुश्तैनी परचून की दुकान है, पिता की मौत के बाद से लगभग 10 साल से वह इसे चला रहा है, मृदुभाषी होने के कारण उसके ग्राहकी अच्छी है और दुकान का काम भी अच्छा चल रहा है सबसे बड़ी बात यह है कि वह सुबह 6:00 बजे ही दुकान खोल …
Read More »मनुष्य स्वाभाविक रूप से शाकाहारी हैं
प्रसिद्द वैज्ञानिक डॉ स्वामी सत्यप्रकाश जी द्वारा एक परिक्षण मनुष्य को प्राकृतिक रूप से शाकाहारी सिद्ध करने के लिए किया था। उन्होंने गौ माता से भरे हुए बाड़े में मानव शिशु को छोड़ दिया , सभी गौ आराम से चरती रही और किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसी बड़े में उन्होंने शेर के एक छोटे शावक को छोड़ दिया …
Read More »संत दादू की सहिष्णुता का अनोखा उदाहरण
उस समय की ईश्वर भक्ति उस समय काफी प्रसिद्धि पा चुकी थी। उन्हें गुरु मानने की इच्छा से एक व्यक्ति संत दादू की खोज में निकला। रास्ते में उसे एक साधारण सा व्यक्ति दिखाई दिया। वह व्यक्ति उसके पास पहुंचा और कहा, ‘आप बता सकते हैं कि संत दादू का आश्रम कहां है?’ उस साधारण व्यक्ति ने उस संत की …
Read More »जिंदगी में चाहिए सफलता, तो सहिष्णुता का गुण अपनाएं –
महात्मा सरयूदास का जन्म गुजरात के पारडी नामक गांव में हुआ था। उनका बचपन का नाम ‘भोगीलाल’ था। बचपन में उन्हें अपने पड़ोसी ‘बजा भगत’ का सत्संग मिला। सरयूदास जी की शिक्षा-दीक्षा बहुत थोड़ी थी। सरयूदास अपने मामा के ही घर पर रहकर उनके व्यापार का कार्य संभालते थे। कुछ दिनों के बाद सरयूदास का विवाह हो गया। पर उनकी …
Read More »अनोखी तरकीब
बहुत पुरानी बात है। एक अमीर व्यापारी के यहाँ चोरी हो गयी। बहुत तलाश करने के बावजूद सामान न मिला और न ही चोर का पता चला। तब अमीर व्यापारी शहर के काजी के पास पहुँचा और चोरी के बारे में बताया। सबकुछ सुनने के बाद काजी ने व्यापारी के सारे नौकरों और मित्रों को बुलाया। जब सब सामने पहुँच …
Read More »इस दुनिया में होता है सभी का अपना अपना मूल्य
रामकृष्ण परमहंस के पास एक बार एक सेठ आया। सेठ अहंकारी और लोभी था। अपने अहंकार की पुष्टि के लिए उसने एक कीमती दुशाला रामकृष्ण को भेंट की। स्वामी जी ने उस दुशाला को स्वीकार कर लिया। कुछ दिनों बाद जब सेठ फिर आया तो देखा दुशाला तो नीचे बिछा हुआ है। वह मन ही मन बहुत चिंतित हुआ। उसे …
Read More »जानिए क्यो मनाया जाता है बैसाखी का त्योहार – WHY BAISAKHI CELEBRATED
बैसाखी (baisakhi) उतर भारत विशेषकर पंजाब और हरियाणा मे मनाए जाने के वाला एक विशेष त्योहार है। इसे “वैसाखी” भी कहा जाता है . केरल मे इस त्योहार को ‘विशु’ कहा जाता है। इसे खेती का त्योहार भी कहा जाता है। बैसाखी (baisakhi) हर साल 14 अप्रैल को धूमधाम से मनाई जाती है। वैसे तो इस त्योहार को मनाने की कोई एक वजह …
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