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क्रूर राजा का निष्पक्ष न्याय

यह युद्ध कहां हो रहा था, ये नहीं पता लेकिन इसकी प्रेरक कहानी सदियों से दोहराई जा रही है। हुआ यूं कि युद्ध में तबाही का मंजर था। शत्रुदल के सेनापति को पकड़ लिया गया और उसे राजा के सामने पेश किया गया। सेनापति को देख राजा गुस्से से लाल हो गया। उसने युद्ध की अनुशासन नीति का पालन करते …

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कौन है श्रैष्ठ?

सम्राट चंद्रगुप्त ने एक बार चाणक्य से कहा, चाणक्य काश! तुम खूबसूरत होते? चाणक्य ने कहा, ‘राजन्! इंसान के पहचान उसके गुणों से होती है, रूप से नहीं।’ तब चंद्रगुप्त ने पूछा, ‘क्या कोई ऐसा उदाहरण दे सकते हो जहां गुण के सामने रूप छोटा रह गया हो।’ तब चाणक्य ने राजा को दो गिलास पानी पीने को दिया। फिर …

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जगत में हर जीव उपयोगी है

बहुत समय पहले की बात है, एक राजा था। एक दिन उसने सोचा, क्यों ने ऐसे जीव-जंतुओं की खोज की जाए जिनकी इस संसार में कोई उपयोगिता ही न हो। उसने अपने दरबारियों से इस बारे में विचार-विमर्श किया। उसने सभी दरबारियों और सैनिकों को इस काम में लगा दिया। बहुत दिनों तक खोजने के बाद पता चला कि संसार …

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बचपन से ही साहसी थे स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद बचपन से ही बुद्धिमान थे। उनका व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली था। उनके बचपन का नाम नरेंद्र था। जब भी वो किसी साथी से बात करते तो वह तल्लीनता से उनकी बातों को सुनते थे। एक बार ऐसी ही स्थिति में शिक्षक कक्षा में आ गए और पढ़ाना शुरू कर दिया। छात्रों के पता ही नहीं चला। शिक्षक ने …

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इस मूर्ति का कलाकार कौन?

सुकरात के समय की बात है, उस समय उनके शहर में एक प्रदर्शनी लगी हुई थी। प्रदर्शनी में ग्रीक देवता अपोलो की भव्य मूर्ति स्थापित की गई थी। इस मूर्ति को देखने के लिए यूनान के प्रमुख व्यक्ति जिनमें राजा पैरीक्लीज, रानी एस्पेसिया, विद्वान सोफोक्लीज और स्वयं सुकरात वहां आए हुए थे। मूर्ति इतनी सुंदर थी कि जो भी उसे …

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इसीलिए धोखा देना पड़ सकता है महंगा

बहुत पुरानी बात है। किसी नगर में एक डाकू रहता था। वह लूट-पाट करता और कुछ धन गरीबों में बांट देता और कुछ अपने पास रखता था। एक दिन कुछ व्यापारियों का समूह उसके इलाके से गुजरा। व्यापारियों को डाकूओं ने घेर लिया। तभी एक व्यापारी, डाकुओं से नजर बचाक दूर पेड़ की आड़ में छिप गया। वहीं नजदीक एक …

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काम को खुद करने की ठान लेता है तो जरूर पूरा होता है

एक चिड़िया ने एक खेत में खड़ी फसल के बीच घोंसला बना कर अंडे दिए। उनसे समय आने पर दो बच्चे निकले। चिड़िया दाना चुगने के लिए रोज जंगल जाती। इस बीच उसके बच्चे अकेले रहते थे। चिड़िया लौटती तो बच्चे बहुत खुश होते और उसका लाया चुग्गा खाते। एक दिन चिड़िया ने देखा बच्चे बहुत डरे हुए हैं। उन्होंने …

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इसीलिए कहते हैं अच्छे कर्म करें

एक बार तैलंगस्वामी को तंग करने के इरादे से एक व्यक्ति ने दूध के बदले चूना घोलकर एक पात्र में रख दिया। स्वामीजी ने दूध का पात्र देखा और चुपचाप उसे पी लिया। उस व्यक्ति ने सोचा जल्द ही चूना अपना असर दिखाएगा। लेकिन इसका उल्टा हुआ स्वामीजी को तो कुछ न हुआ, बल्कि उस व्यक्ति का जी मचलने लगा। …

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किसी के प्रति कोई निर्णय लेने से पहले सौ बार सोचें और तब फैसला करें.

एक समय की बात है… एक सन्त प्रात: काल भ्रमण हेतु समुद्र के तट पर पहुँचे… समुद्र के तट पर उन्होने एक पुरुष को देखा जो एक स्त्री की गोद में सर रख कर सोया हुआ था. पास में शराब की खाली बोतल पड़ी हुई थी. सन्त बहुत दु:खी हुए. उन्होने विचार किया कि ये मनुष्य कितना तामसिक और विलासी है, जो …

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जनमेजय का “सर्प मेघ यज्ञ

  एक बार राजा परीक्षित किसी तपस्वी ऋषि का अपमान कर देते हैं। ऋषिवर क्रोधित हो उन्हें सर्प दंश से मृत्यु का श्राप दे देते हैं बहुत सावधानियां रखने के बावजूद ऋषि वाणी अनुसार एक दिन फूलों की टोकरी में कीड़े के रूप में छुपे तक्षक नाग के काटने से परीक्षित की मृत्यु हो जाती है। जब राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय (पांडव वंश के …

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