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अन्न दोष !!
एक महात्मा राजगुरु थे। समय-समय पर वे राजा को उपदेश देने राजमहल में जाया करते थे। एक दिन वे राजा को उपदेश देकर, भोजन करने के बाद, महल के एक कक्ष में अकेले ही लेटे हुए थे। उसी कक्ष में खूँटी पर राजा का मोतियों का हार टंगा हुआ था। महात्माजी के मन में अचानक ही लोभ आ गया और …
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