वृद्धावस्था के युग में स्वतंत्र जीवन और स्वावलंबन की दिशा में सलाह। सामाजिक और आर्थिक स्थिति के अनुसार आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए सरल नुस्खे
Read More »Career Guide
भक्त के अधीन भगवान
एक कसाई था सदना। वह बहुत ईमानदार था, वो भगवान के नाम कीर्तन में मस्त रहता था। यहां तक की मांस को काटते-बेचते हुए भी वह भगवद्नाम गुनगुनाता रहता था।
Read More »किसी की निन्दा मत करो
समय बीता जा रहा है, गया हुआ समय किसी प्रकार भी लौटकर नहीं आता । ऐसा जानकर समय को अमूल्य काम में ही बिताना चाहिये । ऊँचे-से-ऊँचे काम में ही...
Read More »एक सकारात्मक दृष्टिकोण
एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया. राजा भोज की दृष्टि उस पर पड़ी तो उसे देखते ही अचानक उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि इस व्यापारी की सारी संपत्ति छीनकर राजकोष में जमा कर दी जाए.व्यापारी जब तक वहां रहा भोज का मन रह रहकर उसकी संपत्ति को हड़प …
Read More »शब्द का संबोधन
सागर द्वारा श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का संबोधनपिछले अंक में सागर ने श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का दो बार...
Read More »सीता के स्वयंवर के रहस्य का खुलासा
क्या आप जानते हैं कि राजा जनक ने सीता के स्वयंवर के लिए अयोध्या में निमंत्रण क्यों नहीं भेजा?जो कुछ संतो के मुँह से सुना है, वह आपको बता....
Read More »हमारे त्यौहारो की वैज्ञानिकता को समझें
एक बूढ़ी माता मंदिर के सामने भीख माँगती थी। एक संत ने पूछा -- आपका बेटा लायक है, फिर यहाँ क्यों ??बूढ़ी माता बोली - बाबा, मेरे पति का......
Read More »श्री हनुमान प्रसाद पौद्दार जी
ये वो हनुमान थे जिसने कलयुग में सनातन धर्म की जड़ो को फिर से सींचने का काम किया।स्व. श्री हनुमान प्रसाद पौद्दार जी जिन्होंने गीता_प्रेस.....
Read More »एक अद्धभुत प्रसंग
एक बार शरद पूर्णिमा की शरत-उज्ज्वल चाँदनी में वंशीवट यमुना के किनारे श्याम सुंदर साक्षात मन्मथनाथ की वंशी बज उठी। श्रीकृष्ण ने छ: मास की एक..
Read More »कलावा बांधने का विशेष महत्व होता है l
सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य या पूजा के समय कलावा बांधने का विशेष महत्व होता है l कोई पूजा-अनुष्ठान सबसे पहले हाथ पर कलावा बांधने से.....
Read More »