रमेश बहुत ही प्यारा बालक था। वह कक्षा दूसरी में पढ़ता। रमेश विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय त्यौहार मनाया जाने वाला था। रमेश बहुत उत्साहित था इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए। रमेश को उसकी कक्षा अध्यापिका ने स्वतंत्रता दिवस की परेड में भाग लेने के लिए बोला था। उसके हर्ष का कोई ठिकाना नहीं था , वह खुशी-खुशी इस कार्यक्रम में …
Read More »Career Guide
पश्चात्ताप का भाव !!
मदन उड़ीसा के एक छोटे से गांव में पला-बढ़ा। पढ़ लिखकर वह एक अच्छी सी नौकरी करने लगा। नौकरी में लगातार हुए प्रमोशन से उसे खूब तरक्की और शोहरत की प्राप्ति हुई। वह अब शहर में रहने लगा , वहां मदन को ग्यारहवीं मंजिल पर एक आलीशान फ्लैट कंपनी के द्वारा मिला। मदन अपनी पत्नी को एक बच्चे के साथ खूब ऐसो आराम से रहने लगा। कुछ …
Read More »बच्चे और उनके दादाजी !!
एक गाँव में दो चतुर बच्चे अपने माता-पिता के साथ रहते थे। एक दिन उनके दादाजी उनके साथ रहने के लिए आए। वह एक नाविक रह चुके थे। बच्चों को उनसे कहानियाँ सुनना अच्छा लगता था। वह उन्हें बताते, कैसे वह समुद्री डाकुओं से लड़े। धीरे-धीरे दादाजी कहानियाँ सुनाकर ऊब गए। वह अपने हमउम्र लोगों से बातें करना चाहते थे। …
Read More »दुष्टों से दूरी भली!!
एक बार एक दुष्ट बाघ के गले में हड्डी फंस गई। अब न तो वह ठीक से सांस ले पा रहा था। न ही बोल पा रहा था। बहुत प्रयास करने के बाद भी वह हड्डी नहीं निकाल पाया। वह इस तकलीफ से निजात पाने के लिए मदद ढूंढने लगा। वह सभी जानवरों के पास गया। सबसे गले में फंसी …
Read More »जंगल का तोता!!
एक शहर में मसाले बेच ने वाले का एक बहुत बड़ा व्यापारी था। आसपास के गांवों के लोग उसकी दुकानों पर मसाले खरीदने आते थे। शहर में सेठ के कई दुकाने थी। आसपास के गांवों में भी मसलो की कोई दुकाने नहीं थी इसलिए सेठ खुद ही कभी-कभी मसाले बेचने के लिए जाता था। एक बार सेठ गांव में कुछ …
Read More »सच्ची सफलता और विफलता!!
रमेश और सुरेश जुड़वाँ भाई थे। वे बचपन से एक ही स्कूल में और एक ही कक्षा में पढ़ते थे। अब वे दोनों १० वि कक्षा के छात्र थे। उनकी ही कक्षा में अनिकेत नाम का एक छात्र था जो बहुत ही अमीर परिवार से से था। एक दिन अनिकेत अपने जन्मदिन पर बहुत महंगा मोबाइल लेकर कर स्कूल आया। …
Read More »सबसे कीमती चीज!!
सीलमपुर गांव में एक भिखारी रहता था। वह बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा करता था। उसे ठीक से खाने या पिने नहीं मिलता था, जिस वजह से उसका बूढ़ा शरीर सूखकर कांटा हो गया था। वह अपने आप को बहुत ही कमज़ोर महसूस करने लगा था। एक दिन वह रास्ते के एक ओर बैठकर गिड़गिड़ाते हुए भीख मांगा करता था। …
Read More »रेगिस्तान की यात्रा!!
एक आदमी रेगिस्तान में यात्रा कर रहा था। साथ में था उसका ऊंट और ऊंट पर लदा था ढेर सारा सामान। ऊंट और वह दोनों ही पसीने से तर बतर थे। गरमी से थक कर उस आदमी ने फैसला किया कि अब वह कहीं आराम करेगा। इसलिए यात्रा बीच में ही रूक गई। ऊंट की पीठ से अपना तंबू उतारकर …
Read More »सबसे शक्तिशाली आशीर्वाद
पटना शहर में एक गरीब दर्जी अपने इकलौते बेटे के साथ एक छोटे से घर में रहता था। उसका सपना था की उसका बेटा बहुत अच्छी पढ़ाई करके एक अच्छी से नौकरी करे। इसलिए उन्होंने तय किया कि उसके बेटे को सबसे अच्छी शिक्षा मिलेगी, चाहे उनकी वर्तमान स्थिति कैसी भी हो। पिता दिन रात मेहनत करता और अपने बेटे …
Read More »यादों के खज़ाने: एक अनमोल संग्रह
मेरे पास इधर उधर जाने के लिए फ़ालतू का टाइम नहीं है। आपको पता है ना मेरा टाइम कितना कीमती है।" मैं बिफ़र पड़ा। आये दिन माँ का यही सब चलता रहता है। कभी अपने पास बिठला कर खाना खाने को बोलेंगीं कभी पार्क में साथ टहलने को। रात में तो अक्सर वो मुझे टी वी देखने के बहाने सारे दिन की बातें सुनाने के लिए अपने पास बुलाएंगी। पता नहीं क्या चाहतीं हैं। बड़ा हो गया हूँ जरा सा लल्ला नहीं हूँ जो हरदम उनके आगे पीछे घूमता रहूँ। "बेकार का टाइम नहीं है। बहुत कीमती है मेरा टाइम।" हर बार ऐसा ही टका सा जवाब देकर पल्ला झाड़ लेता। माँ भी हर बार सुना अनसुना करके अपने काम में लग जातीं पर आज माँ को शायद कुछ बुरा, बहुत बुरा सा लगा। वो चुपचाप अपने कमरे में चलीं गयीं।
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