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दोपहर का भोजन

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अचानक उसे मालूम हुआ कि बहुत देर से उसे प्यास लगी हैं। वह मतवाले की तरह उठी और गगरे से लोटा-भर पानी लेकर गट-गट चढ़ा गई। ख़ाली पानी उसके कलेजे में लग गया और वह ‘हाय राम’ कहकर वहीं ज़मीन पर लेट गई।

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संतोष ही सबसे बड़ा धन है

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बॉस ने पूछा-" तुम्हारी पगार में क्या सब ठीक से हो जाता है? दो बच्चों को पढ़ाना, खिलाना- पिलाना वगैरह?" रामशरण ने कहा- सर!" अच्छी तरह तो नहीं होता लेकिन ऊपर वाले की यही मर्जी समझ चला लेता हूं।" रामशरण के जाने के बाद वह सोचने लगे की इतनी कम पगार में यह खुश रहता है। मेरे पास आज सब कुछ है लेकिन मैं हमेशा चिंतित रहता हूं। आखिर इसकी तरह खुश क्यों नहीं रहता

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मन पर नियंत्रण पर बौद्ध कहानी

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मन पर नियंत्रण पर बौद्ध कहानी मन में उठ रहे सवालों को कैसे शांत करें, बेचैनी को कैसे शांत करें। इस कहानी में मैं आपको चार ऐसी आदतों के बारे में बताने वाला हूं जिसे आप अपने जीवन में अपनाकर एक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं और अच्छे कामों में अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं। अगर आप इस कहानी …

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AM और PM का उद्गगम भारत में

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क्या आप जानते हैं की समयसूचक AM और PM का उद्गगम भारत में ही हुआ था …?? लेकिन हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है : AM : Ante Meridian PM : Post Meridian एंटे यानि पहले, लेकिन किसके? पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके? यह कभी …

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ज्यादा अच्छे मत बनो, नहीं तो हमेशा दुखी रहोगे

मानव स्वभाव पर बुद्ध कहानी आचार्य चाणक्य ने कहा था कि इंसान को ज्यादा सीधा भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि अगर हम जंगल में जाकर देखे तो, जान पाएंगे की सीधे पेड काट दिए जाते हैं जबकि टेढे मेढे पेड छोड दिए जाते हैं। तो आज की हमारी ब्लॉग पोस्ट भी इसी बारे में है कि ज्यादा अच्छा बना बुरा …

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चिठ्ठी

बहनें परेशान हो चुकी थीं। इस बार राखी पर अपने भाई से साफ-साफ बात कर लेने की ठान कर चारों मायके आई... यही एक ऐसा त्योहार होता था जब चारों बहने मायके आती थी.

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लगातार दो बेटियां हो गई दो साल के अंतराल में

वारिस बनते हैं लड़कियां नहीं। जहां पर भी कृतिका और अमृता के पापा आज है वहीं से देखकर गर्व से उनका सीना चौड़ा हो रहा होगा यह सोच कर कि "मेरे बाद मेरी बेटियों ने हमारा नाम ऊंचा रखा है, जीवित रखा।"

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सास बहु और ठाकुर जी

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सासु माँ ने विचार किया के ठाकुर जी की सेवा का कार्य अब बहु को देना पड़ेगा लेकिन बहु को तो कोई अक्कल है ही नहीँ के ठाकुर जी की सेवा कैसे करनी हैँ।

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दारा सिंह v/s किंग कॉग

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दारा सिंह, भारतीय सिनेमा और टेलीविज़न के अभिनेता, प्रोफेशनल पहलवान, फ़िल्म निर्देशक, और राजनीतिक व्यक्ति थे। वे बड़ी पुनेर्जीलीला पहलवान रहे हैं और उन्हें भारतीय पहलवानों में से एक माना जाता है। उनका जन्म 19 नवंबर 1928 को धारमपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था और उनका नाम दीरा सिंह था। दारा सिंह ने अपने पहले बड़े अभिनय करियर का …

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