हम अक्सर अपने घरो में देखते हैं या सुनते हैं कि जब भी कभी बृहस्पतिवार का दिन होता हैं और उस दिन अगर किसी कारणवश बालों को धोना पड़ जाये तो घर के बड़े जैसे दादी-नानी और मम्मी तुरंत मना कर देते हैं कि बृहस्पतिवार को बाल नहीं धोने चाहिये। आजकल की युवा पीढ़ी पुराने रीती-रिवाज,परम्पराओं को नहीं मानते हैं। …
Read More »Gyan Ganga
कहानी एक बूढ़ी लाचार उदास माँ की
एक आलीशान से बँगले के बड़े से लिविंग रूम मेंवाल पेंटिंग के जैसे शानदार स्मार्ट टी वी दीवार पर टंगा हैऔर लाइव आ रहा है आई पी ऐल का फाइनलरोमांच है कि हर गेंद के साथ बस बढ़ता ही चला जा रहा हैलिपे पुते चेहरों पर तनाव है ख़िझ है और है ग़ुस्सा सा भीतो है कभी कभार राहत भी …
Read More »करूणा मयी श्री राधे
एक बार वृन्दावन में एक संत हुए कदम्खंडी जी महाराज। उनकी बड़ी बड़ी जटाएं थी। वो वृन्दावन के सघन वन में जाके भजन करते थे।एक दिन जा रहे थे तो रास्ते में उनकी बड़ी बड़ी जटाए झाडियो में उलझ गई। उन्होंने खूब प्रयत्न किया किन्तु सफल नहीं हो पाए और थक के वही बैठ गए और बैठे बैठे गुनगुनाने लगे। …
Read More »एक आठ दस साल की मासूम सी गरीब लड़कीं
एक आठ दस साल की मासूम सी गरीब लड़कीं बुक स्टोर पर जाती है और एक पेंसिल और एक दस रुपए वाली कापी खरीदती है और फिर वही खड़ी होकर कहती है अंकल एक काम कहूँ करोगे ?जी बेटा बोलो क्या काम है ?अंकल वह कलर पेंसिल का पैकेट कितने का है, मुझे चाहिए, ड्रॉइंग टीचर बहुत मारती है मगर …
Read More »विवेकानंद जी एक ट्रेन में सफर
एक बार विवेकानंद जी एक ट्रेन में सफर कर रहे थे । सन्यासी वेश था । मुख पर तेज था । हट्टे कट्टे थे । जवान थे । उनके सामने वाली सीट पर दो पढ़े लिखे युवक थे और आपस में इंग्लिश में बात कर रहे थे कि ऐसे ही जवान लोगों ने हमारे देश का सत्यानाश किया हुआ हैभगवे …
Read More »जय सनातन धर्म और संस्कृति की
कुछ लोग धर्म का मजाक उड़ाते हैं कुछ नास्तिक लोग कहते हैं कि भगवान है ही नहीं सारे ग्रंथ काल्पनिक है जो ब्राह्मणों ने अपने स्वार्थ के लिए लिखें तो “फिर यह क्या है”..! यह बरगद का वह पेड़ है जो 7000 साल से आज तक ऐसा ही है इस पेड़ पर सिर्फ तीन पत्ते आते हैं जबकि बरगद का …
Read More »मॉं -बाप को खाना भी नहीं खिला पाते हैं
हम लोग कानपुर में रहते थे मेरा छोटा बेटा उमेश अपनी पत्नी और बच्चों के साथ हमारे संग रहता था और हमारा बड़ा बेटा बच्चों के साथ सूरत रहता था। कानपुर में ही हमारे पड़ोस में गुप्ता जी सपरिवार रहते थे उनके यहॉं हमारा आना-जाना अच्छा -खासा था।एक दिन मेरे बड़े बेटे का सूरत से फोन आया बोला -मम्मी -पापा …
Read More »महात्मा बुद्घ का सत्संग
एक बार किसी गांव में महात्मा बुद्घ का सत्संग हुआ। सब इस होड़ में लग गए कि क्या भेंट करें?सुदास नाम का एक मोची था। उसने देखा कि मेरे घर के बाहर के तालाब में एक कमल खिला है। उसकी इच्छा हुई कि आज नगर में महात्मा बुद्घ आए हैं। सब लोग तो उधर ही गए हैं, तो आज यह …
Read More »बासी भोजन का रहस्य
बासी भोजन का रहस्यशहर से दूर प्रकृति की गोद में एक महात्मा का आश्रम था। महात्मा वहां अपने शिष्यों को उनके रुचि के स्तर से शिक्षा दिया करते थे। उनकी शिक्षा से सभी लोग प्रसन्न रहते थे। महात्मा की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई थी , लोग उनसे शास्त्रार्थ करने और उनके प्रवचन सुनने कई दिनों का मार्ग तय करके …
Read More »प्रेम पवित्र है पूजनीय है इसे कलंकित मत करो .
गली मोहल्ले चौराहे पर बैठकर दोस्तो के बीच मदस्मत होकर अपनी अय्याशी की वीरगाथा सुनाते महानुभावों से अनुरोध है कि इसे पढ़ें..❤️🙏 कभी कभी एक से अधिक स्त्री के साथ प्रेम का स्वांग रचने वाला पुरूष खुद को बड़ा चालाक और सक्षम समझता है उसे ऐसा लगता है जैसे एक से अधिक स्त्रियों के साथ प्रेम प्रसंग करके उसने बहुत …
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