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पति-पत्नी की कहानी

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जानकी...आखिर बात क्या है कल से देख रहा हूं तुम बार बार छत पर जाती हो ...कयी बार छत से चढ़ते उतरते हुए देखकर आखिरकार रामेश्वर बाबू ने अपनी पत्नी जानकी से पूछा ही लिया.. कुछ नहीं

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असीम संतोष

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एक दूकान पर लस्सी का ऑर्डर देकर हम सब दोस्त- आराम से बैठकर एक दूसरे की खिंचाई और हंसी-मजाक में लगे ही थे कि, लगभग 70-75 साल की बुजुर्ग स्त्री पैसे मांगते हुए हमारे सामने हाथ फैलाकर खड़ी हो गई

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किन्नर की बद्दुआ

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एक दिलचस्प कहानी जो जीवन के चुनौतियों, व्यक्तिगत कठिनाइयों और आत्म-परिश्रम की दुनिया को खोलती है। जहां जीवन के चुनौतीभरे पथों पर असली......

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अकड़ता का परिणाम

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दीपेश एक राजपत्रित अधिकारी का इकलौता बेटा था... नौकर चाकर ,गाड़ी ,बंगला सभी सुविधाएं प्राप्त थीं ...दीपेश के पिता एक ईमानदार, सरल हृदय अधिकारी थे...इसके विपरीत दीपेश एक घमंडी इंसान था जो अपने पिता के पद के घमंड में रहता था। वह किसी से सीधे मुंह बात नहीं करता था

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बैसाखी बीमा की

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अनवरत प्रयास के बाद भी प्रीति के मानष पटल से वह घटना हट नहीं पा रही थी, जब उसका जीवन साथी पीयूष, दो अबोध बच्चों का लालन-पालन तथा दो वृद्ध जन अर्थात माँ-पिताजी की सेवा-शुश्रूषा, देखभाल की जिम्मेदारी छोड़, परमात्मा के चरण शरण को चला गया। यूँ तो पिछले चार-पाँच माह से पीयूष रोगग्रस्त था पर प्रीति के मन में …

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अनुशासन

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इस दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी में, एक साहसी महिला ने अपने कॉलेज में बदलाव लाने के लिए उत्साह से काम किया। उनकी कड़क और हँसमुख स्वभाव ने उन्हें सबके बीच लोकप्रिय बना दिया और उन्होंने अपनी शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व का प्रदर्शन किया।

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वो मनहूस लड़की

एक अद्भुत और प्रेरणादायक कहानी, जिसमें एक साहसी और प्रतिभाशाली युवती का सफर है जो अपने रूप और सौंदर्य के लिए समाज की निराशा का सामना करती है, लेकिन उसने सभी संघर्षों को पार किया।

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सत्य घटना पर आधारित

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आज भी हमारे देश के कई हिस्सों मे बाल विवाह का जोर सोर से प्रचलन है। कोख मे बेटी हत्या बहू हत्या दहेज प्रचलन जोर शोर से है । मगर इस खास मुद्दों पर कोई आवाज नहीं उठाता मगर आरक्षण के सबको चाहिए।

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कृष्णा और सुदामा का मिलन

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तीनो लोको के स्वामी सुधबुद्ध खोकर दौड़े चले जा रहे थे, पीछे पीछे रुक्मिणी, जाम्बवती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रबिन्दा, सत्या, लक्ष्मणा और भद्रा भी पागल सी दौड़ रही है, ये कौन आ गया जिसके लिए प्रभु श्री कृष्ण दौड़ रहे है | मंत्री, सेनापति, द्वारपाल सब जड़ होकर खड़े है, ऊपर ब्रह्मा जी , कैलाशपति, बृहस्पति, देवराज इंद्र, सूर्य, चन्द्र, यम,शनि …

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