एक बार प्रभु यीशु को साइमन नाम के एक भक्त ने भोज के लिए आमंत्रित किया। प्रभु यीशु जब उस व्यक्ति के घर पहुंचे तो मैग्दालिन नाम की स्त्री ने उनके पैर पकड़ लिए और उन्हें धोने लगी। मैग्दालिन एक वेश्या थी। नगर में उसके चर्चे आम थे, इसलिए वह लोग उससे घृणा करते थे। साइमन आश्चर्य चकित था कि …
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ये प्रसंग जरूर बदल सकते हैं आपकी निजी जिंदगी
जिंदगी में यूं ही सब कुछ नहीं मिल जाता। इसके लिए आपको कर्म करना पड़ता है। कर्म के लिए आपका एक लक्ष्य होना चाहिए, और आपकी मिलनसारिता का गुण जो आपको नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए काफी है। यहां दो ऐसे ही प्रेरक प्रसंग दिए जा रहे हैं जिनके सार को आप जीवन में उतार कर अपने नाम का …
Read More »ये घृणित चीज है, मत पिया करो
संत तिरुवल्लुवर एक बार अपने शिष्यों के साथ कहीं चले जा रहे थे। रास्ते में आने-जाने वाले लोग उनका अभिवादन कर रहे थे। तभी अचानक,एक शराबी झूमता हुआ उनके सामने आया और तनकर खड़ा हो गया। उसने संत तिरुवल्लुवर से कहा, ‘आप लोगों से यह क्यों कहते हैं कि शराब घृणित चीज है, मत पिया करो। क्या अंगूर खराब होते …
Read More »इंसानियत की कद्र करना इनसे सीखें
एक बार एक नवाब की राजधानी में एक फकीर आया। फकीर की कीर्ति सुनकर पूरे नवाबी ठाठ के साथ भेंट के थाल लिए हुए वह फकीर के पास पहुंचा। तब फकीर कुछ लोगों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने नवाब को बैठने का निर्देश दिया। जब नवाब का नंबर आया तो फकीर ने नवाब की ओर बढ़ा दिया। भेंट के …
Read More »हम सभी के पास है ये अनमोल बल
एक दिन सेवाग्राम में कुछ पहलवान आ पहुंचे और गांधीजी से अपने दो-चार खेल देख लेने का आग्रह करने लगे। गांधीजी ने कहा, ‘एक तो मेरे पास समय नहीं है, दूसरे जो चीज देश के काम नहीं आती, उसे देखने में मेरा मन नहीं लगता। फिर तुम्हें इनाम चाहिए होगा, वह मैं कहां से दूंगा? मेरे पास तुम्हें देने के …
Read More »यदि यह पुस्तक मिल जाए तो आप क्या करेंगे
एक व्यक्ति का मौत नजदीक आ रही थी, लेकिन वह उस समय रेगिस्तानी रास्ते से कहीं जा रहा था, उस समय उसके पास यमदूत आया। यमदूत को वो पहचान न सका लेकिन वह अच्छा आदमी था, इसलिए उसने यमदूत को पानी पिलाया और कुशलक्षेम पूछी। इसके बाद उस व्यक्ति ने पूछा, ‘तुम कौन हो और मेरे पास क्यों आए हो? …
Read More »मीठी सी शांति चाहिए तो कीजिए धर्मों का अध्ययन
आरिफ सुभानी नाम के एक पक्के दरवेश थे। उन्हें दुनिया की किसी भी वस्तु से मोह नहीं था। पहनने के लिए कपड़ों के अलावा उनकी, अपनी कहलाने वाली कोई भी संपत्ति नहीं थी। शांतिप्रिय और सादगी पसंद होने के कारण उनके विचार दूसरों से मेल नहीं खाते थे। वो मंदिर, मस्जिद में भी कोई भेद नहीं मानते थे। एक बार …
Read More »झूठे हैं ये रिश्ते
एक बार इटली के संत फ्रांसिस के पास एक युवक सत्संग सुनने के लिए आया। संत ने उससे हाल-चाल पूछा, तो उसने स्वयं को अत्यंत सुखी बताया। वह बोला, ‘मुझे अपने परिवार के सभी सदस्यों पर बड़ा गर्व है। मैं उनके व्यवहार से संतुष्ठ हूं।’ संत बोले, ‘तुम्हें अपने परिवार के बेर में ऐसी धारणा नहीं बनानी चाहिए। इस दुनिया …
Read More »बिन लक्ष्य जीवन जैसे बिन पता पत्र
स्वामी विवेकानंद के गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस थ। रामकृष्ण परमहंस जी एक उच्च कोटि के विचारक थे। उन्होंने अपने प्रेरणादायक विचारों से समाज कल्याण में बहुत योगदान दिया। उनके जीवन के बहुत सारे प्रसंग चर्चित है। उनमें सुखी और सफल जीवन के सूत्र छिपे हुए हैं। जिनमे से एक हम आपके सामने परमहंस जी के बताये हुए कुछ अनमोल …
Read More »बचपन के संस्कार ने दिलाया नोबेल
बचपन से पचपन का समय बड़ा ही रोमांचक होता है। लेकिन एक छोटी सी बालिका गौंझा जिसे बचपन में कोई नहीं जानता था, पचपन वर्ष तक आते-आते वह दुनिया के लिए एक मिशाल बन गई। बालिका गौंझा बहुत ही चंचल थी। वह अक्सर लोगों की नकल उतारकर अपनी दोस्तों के मायूस चेहरे पर खुशी की फुहार बिखेर देती थी। एक …
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